पंजाब-उत्तराखंड समेत उत्तर-पश्चिम में 25 जून तक दस्तक देगा मानसून; दिल्ली में 22 से बारिश की संभावना

मानसून 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर कर लेगा। इसके 19 से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है।दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस हफ्ते फिर से रफ्तार पकड़ने से उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य तिथियों से काफी पहले 25 जून तक मानसून पहुंच सकता है। इस बार मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। आमतौर पर मानसून केरल में एक जून को पहुंचता है। वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न-दबाव वाले मजबूत तंत्र के कारण मानसून अगले कुछ दिन में तेजी से बढ़ा है और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर तक पहुंच गया। हालांकि, यह 28-29 मई से 10-11 जून तक थमा रहा और फिर से सक्रिय हो गया। विभाग के अनुसार, जून की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में तेज वृद्धि हुई। इससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी की स्थिति उत्पन्न हो गई। उत्तर-पश्चिम भारत में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख शामिल हैं। विभाग के अनुसार, अब मानसून 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर कर लेगा। इसके 19 से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के 27 जून की सामान्य शुरुआत की तारीख से पहले 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
केरल में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि केरल में पश्चिमी हवाओं और उत्तरी कर्नाटक पर चक्रवाती हवाओं के कारण अगले पांच दिनों में भारी बारिश होगी। साथ 14 से 17 जून तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा और तेज हवाएं चलने की संभावना है। विभाग ने समुद्र तट पर तेज हवाओं और खराब मौसम की संभावना के मद्देनजर 17 जून तक केरल-कर्नाटक-लक्षद्वीप तट पर मछली पकड़ने न जाने की चेतावनी दी। विभाग ने शनिवार के लिए दो जिलों में रेड अलर्ट, नौ जिलों में ऑरेंज अलर्ट तथा दो जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
अगले हफ्ते दक्षिण बंगाल में हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग ने 18 जून तक के अपने पूर्वानुमान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियों और बंगाल की खाड़ी से मजबूत नमी के प्रवेश के कारण राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 14 जून को जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तर बंगाल के अन्य जिलों में 18 जून तक भारी बारिश हो सकती है। दक्षिण बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर, पश्चिम मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा, हुगली, झारग्राम, पुरुलिया, बीरभूम और पश्चिम बर्धमान जिलों में 14 जून से 18 जून के बीच आंधी और भारी बारिश होने की संभावना है।
अरुणाचल में 19 जून तक हो सकती है बारिश
अरुणाचल प्रदेश में 19 जून तक बारिश होने की संभावना है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि राज्य में 16 जून से मौसम की गतिविधियां काफी तेज होने की संभावना है। इससे कई जिलों में छिटपुट से लेकर भारी बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
ग्वालियर में बारिश के बीच टिन शेड पर दीवार गिरने से तीन की मौत
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शुक्रवार को भारी बारिश और हवाओं के बीच एक मकान की दीवार टिन शेड पर गिर जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल हो गए। ये लोग बारिश से बचने के लिए टिन शेड के नीचे खड़े थे। घटना शाम करीब साढ़े चार बजे ट्रांसपोर्ट नगर में घटी। सूचना मिलने पर बचाव दल ने सभी को बाहर निकाला। एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पालघर में भारी बारिश से मकान क्षतिग्रस्त
महाराष्ट्र के पालघर जिले में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश हुई। इससे मकानों और दो एमएसआरटीसी बसों को नुकसान पहुंचा। पालघर जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेकानंद कदम ने कहा कि बारिश बृहस्पतिवार देर रात शुरू हुई थी और शुक्रवार तड़के तक जारी रही। दहानू में 70 घर क्षतिग्रस्त हो गए। पालघर तालुका में यह आंकड़ा 22 था। तलासरी और विक्रमगढ़ में भी कुछ मामले सामने आए। बारिश और तेज हवाओं के बीच आंशिक दीवार गिरने से लेकर छतें उड़ने तक का नुकसान हुआ है।
राजस्थान में पारा चढ़ा, श्रीगंगानगर का तापमान 49.4 डिग्री पहुंचा
राजस्थान में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। श्रीगंगानगर में शुक्रवार को पारा 49.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार को श्रीगंगानगर का तापमान 14 जून 1934 के बाद जून का सबसे अधिक तापमान था, जब शहर में 50 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। चूरू में 47.6 डिग्री, जैसलमेर में 46.9 डिग्री, बीकानेर में 46.4 डिग्री, जोधपुर में 46.3 डिग्री, फलौदी व बाड़मेर में 46.2 डिग्री, पिलानी में 45.4 डिग्री, लूणकरणसर में 45.2 डिग्री, पाली व फतेहपुर में 45.0 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 44.9 डिग्री, सांगरिया में 44.6 डिग्री, झुंझुनूं में 44.5 डिग्री, नागौर में 44.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। जयपुर में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार से शुरू होने वाले प्री-मानसून तूफान और बारिश से राहत मिल सकती है। शनिवार को उदयपुर, कोटा, जयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियां बढ़ने व तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आने का अनुमान है।
पंजाब, हरियाणा भीषण गर्मी की चपेट में, सिरसा सबसे गर्म
हरियाणा और पंजाब में भीषण गर्मी का कहर जारी है। सिरसा दोनों राज्यों में सबसे गर्म स्थान रहा। यहां का अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री दर्ज किया गया। हिसार में 44.6 डिग्री, गुरुग्राम में 44 डिग्री, रोहतक में 43.1 डिग्री, नारनौल में 44.3 डिग्री जबकि भिवानी में 43.6 डिग्री तापमान रहा। अंबाला और करनाल में कुछ राहत मिली और अधिकतम तापमान क्रमश: 38.2 और 37.5 डिग्री सेल्सियस रहा। दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में तापमान 39.6 डिग्री रहा। पंजाब में बठिंडा सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। फरीदकोट में अधिकतम तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर में अधिकतम तापमान 43.6, लुधियाना में 43, पटियाला में 39.2, पठानकोट में 42.5 तथा गुरदासपुर में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हिमाचल में भीषण गर्मी, 16 जून से मिल सकती है राहत
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों तक लू की स्थिति बनी रह सकती है। कई जिलों में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा। मौसम विभाग ने कहा कि मैदानी इलाकों में गर्म और शुष्क हवाएं चलने की संभावना है, जबकि मध्य और ऊंचे पहाड़ों पर भी तापमान में वृद्धि देखी जाएगी। मैदानी इलाकों में दिन का तापमान वर्तमान में 34 डिग्री सेल्सियस और 40 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जो सामान्य से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और 34 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जबकि ऊंचे पहाड़ी इलाकों में 24 डिग्री सेल्सियस से 32 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जा रहा है। 16 जून से अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आने की संभावना है। इससे गर्मी से कुछ राहत मिलेगी।