चंडीगढ़ में मुफ्त लगेंगे सोलर प्लांट: रेस्को बॉट मॉडल को मंजूरी, प्रशासन कर सकता है बड़ी छूट का एलान

चंडीगढ़ में मुफ्त लगेंगे सोलर प्लांट: रेस्को बॉट मॉडल को मंजूरी, प्रशासन कर सकता है बड़ी छूट का एलान

रेस्को बॉट मॉडल के नियमों के अनुसार जब तक कंपनी के साथ समझौता रहेगा, लोगों को 3.29 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच का शुल्क चुकाना होगा, जिसमें से 0.07 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच सीपीडीएल अपने पास सुविधा शुल्क के रूप में रखेगा।केंद्र सरकार ने रेस्को बॉट (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर) मॉडल के तहत चंडीगढ़ में घरों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। एक बैठक में केंद्र के अधिकारियों ने चंडीगढ़ को यह सूचना दे दी है। 

प्रशासन ने अब योजना को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत शहर के लोग बिना कोई निवेश किए अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवा सकेंगे।

चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) ने रेस्को मॉडल को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से जनवरी 2025 में अनुमति मांगी थी। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में हुई एक बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों ने जुबानी तौर पर चंडीगढ़ को मंजूरी देने की बात कह दी है। बताया गया है कि चंडीगढ़ के पत्र को अन्य राज्यों के साथ जोड़ा गया है, इसलिए लिखित आदेश भी जल्द जारी हो जाएगा। मॉडल के तहत लोगों को छत पर सौर ऊर्जा प्लांट को मुफ्त में स्थापित किया जाएगा। इसका खर्च कंपनी उठाएगी। 

क्रेस्ट पूरे प्रोजेक्ट के टेंडरिंग, कार्यान्वयन, गुणवत्ता नियंत्रण और निगरानी की जिम्मेदारी निभाएगा। परियोजना शुरू करने से पहले चार पक्ष, जिसमें उपभोक्ता (जिसके घर की छत पर प्लांट लगेगा), सीपीडीएल, रेस्को और क्रेस्ट के बीच एक चारपक्षीय समझौता होगा।

छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए होंगे दो विकल्प

चंडीगढ़ में रेस्को बॉट मॉडल के पूरी तरह से लागू होने के बाद शहर के लोगों के पास घर के छत पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए मुख्य रूप से दो विकल्प होंगे। रेस्को मॉडल में जो सोलर पावर प्लांट उनके घर की छत पर लगेगा, उसमें लोगों को पैसा नहीं देना होगा। हालांकि, बाद में हर दो महीने में बिल की तरह एक तय रेट पर बिल भरना होगा। वहीं, पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना में सोलर पावर प्लांट के लिए लोगों को पैसा देना होगा। इसमें विभाग से उन्हें सब्सिडी मिलेगी। इसमें प्लांट के लगने के बाद से ही उसका मालिकाना हक मकान मालिक के पास ही रहेगा।

15 साल बाद ऑनरशिप होगी ट्रांसफर

रेस्को बॉट मॉडल के नियमों के अनुसार जब तक कंपनी के साथ समझौता रहेगा, लोगों को 3.29 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच का शुल्क चुकाना होगा, जिसमें से 0.07 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच सीपीडीएल अपने पास सुविधा शुल्क के रूप में रखेगा। बाकी 3.22 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच का भुगतान रेस्को को महीने या दो महीने के आधार पर किया जाएगा। कंपनी लगभग 15 वर्षों के बाद प्लांट की ऑनरशिप को मकान मालिक हैंडओवर करेगी। हालांकि, यह एमओयू के नियमों के अनुसार ही तय होगा।

संपत्ति कर से छूट की तैयारी, बनाए जाएंगे सोलर ब्रांड एंबेसडर

कुछ दिन पहले चंडीगढ़ पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव (यूटी) नितेश कुमार व्यास ने लोगों को इस योजना से जोड़ने के निर्देश दिए थे। जिस पर प्रशासन ने बताया कि इसके लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। सोलर प्लांट लगाने पर संपत्ति कर में छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे लोग काफी ज्यादा आगे आएंगे। हालांकि, यह छूट कितनी होगी, यह अभी तय नहीं किया गया है। वहीं, सूर्या-मित्र अभियान के तहत एक टीम बनाई जा रही है, जो लोगों को योजना के प्रति जागरूक करेगी। आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा रथ और मिनी सोलर एक्सपो का आयोजन, नुक्कड़ नाटक, मोहल्ला कैंपेन, सौर्य शक्ति सिस्टर्स और उजाला बैठक जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे हैं। उज्ज्वल कदम अभियान के तहत एनएसएस, एनसीसी, स्कूल और कॉलेज के छात्रों को सोलर ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा।

सोलर प्लांट का स्टेटस 

कुल सरकारी बिल्डिंग – 6624 (सभी पर प्लांट लगे)

पीएम सूर्य घर योजना

कुल घर           पंजीकरण          प्लांट स्थापित         सब्सिडी
201505           5441                636              2.95 करोड़ रुपये