लंबी दूरी के लिए 40 नॉन एसी बसें खरीदेगा सीटीयू, वित्तीय मंजूरी मिली

चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) लॉन्ग रूट के लिए 40 नई नॉन एसी बसें खरीदने जा रहा है। बसें खरीदने की वित्तीय मंजूरी मिल गई है। ये नई बसें जल्द ही एक्सपायर होने जा रहीं 40 पुरानी डीजल बसों की जगह लेंगी। नई बसें दिल्ली समेत कई महत्वपूर्ण रूट पर चलेंगी और इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
ये बसें चंडीगढ़ से कई लोकप्रिय स्थलों के साथ-साथ अन्य रूटों पर भी संचालित होंगी। अधिकारियों के अनुसार ये बसें अधिक आरामदायक और सुविधाओं से परिपूर्ण होंगी। इनमें आरामदायक सीटें और मोबाइल चार्जिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, हर बस में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिससे यात्रियों को बसों की लोकेशन की रियल-टाइम जानकारी मिल सकेगी। सीटीयू ने इसी वर्ष जनवरी में 60 एसी बसें भी शुरू की हैं, जो चंडीगढ़ से दिल्ली, सिरसा, नारनौल वाया रोहतक, तलवंडी साबो, शिमला, अमृतसर, लुधियाना, ज्वाला जी समेत कई रूट पर चल रही हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वित्त विभाग से बसों की वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बसों को जल्द लाने की कोशिश है, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। बसों के आने से लंबी दूरी के रूटों पर बसों की कनेक्टिविटी और बढ़ेगी।
100 ई-बसों के लिए केंद्र से अब तक नहीं आया जवाब
लोकल रूट के लिए 100 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना एक बार फिर केंद्र की मंजूरी के इंतजार में अटक गई है। प्रशासन ने करीब डेढ़ महीने पहले इस संबंध में आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) भेजी थी, लेकिन अब तक केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला है। प्रशासन के अधिकारी दिल्ली भी गए और एमएचए के अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाया। 100 ई-बसों को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दी गई लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया केंद्र से नहीं आई है। ये नई इलेक्ट्रिक बसें सीटीयू के डिपो नंबर-4 की पुरानी 100 बसों को रिप्लेस करेंगी। सीटीयू को केंद्र सरकार की पीएम ई-बस योजना के तहत डेढ़ साल पहले 100 इलेक्ट्रिक बसों के लिए सब्सिडी की मंजूरी मिली थी। इसके तहत ही बसों की खरीद के लिए परिवहन विभाग ने प्रक्रिया शुरू की है। विभाग ने टेंडर जारी करने के लिए एमएचए से मंजूरी मांगी थी। जिसपर केंद्र ने आरएफपी की कॉपी मांगी थी।
जल्द खरीद नहीं शुरू हुई तो बढ़ेगा संकट
डिपो नंबर-4 की 100 डीजल बसें नवंबर और जनवरी तक कंडम हो जाएंगी, क्योंकि ये 15 साल की उम्र पूरी कर लेंगी। ये बसें वर्ष 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान एक स्कीम के तहत चंडीगढ़ को मिली थीं। इनमें कई हरे रंग की नॉन-एसी और लाल रंग की एसी बसें हैं। ये ऑटोमेटिक डीजल बसें हैं, जो फिलहाल ट्राइसिटी के विभिन्न रूट पर हजारों यात्रियों को सेवाएं दे रही हैं। पुरानी होने की वजह से इनमें ब्रेकडाउन की ज्यादा समस्या है। जल्द इन बसों की जगह नई बसें नहीं खरीदी गईं तो शहर में संकट बढ़ जाएगा। बसों की संख्या कम हो जाएगी, जिससे रोज सफर करने वाले लोगों को परेशानी होगी।