PGI चंडीगढ़ में पार्किंग शुल्क की लूट: पार्किंग में रेट लिस्ट तो लगा दी, पर ज्यादा शुल्क वसूलना जारी

पीजीआई चंडीगढ़ की पार्किंग में वाहन चालकों से लूट का खेल जारी है। पीजीआई में रोजाना 10 हजार मरीज आते हैं। पीजीआई एक ऐसा संस्थान हैं, जहां लोग बहुत मजबूरी में आते हैं। यहां पर रोजाना करीब 10 हजार से ज्यादा मरीजों का आना होता है। इन मरीजों से न्यू ओपीडी के सामने वाली पार्किंग में प्रशासन की ओर से तय की गई पार्किंग की फीस से दो गुना फीस वसूली जा रही है। इस मामले को लेकर अमर उजाला ने 19 जून को खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद शुक्रवार को पार्किंग रेट लिस्ट लगा दी गई। लेकिन रेट लिस्ट में पांच रुपये लिखे होने के बावजूद भी मरीजों और उनके परिजनों से 10 रुपये दो पहिया वाहन के लिए वसूले जा रहे हैं। पीजीआई अधिकारी कार्रवाई के लिए मरीजों की शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। इसी चक्कर में पार्किंग कर्मचारी मोटा पैसा कमा रहे हैं।
उधर, मरीजों का कहना है कि उन्हें बार-बार दवाई लेने आना पड़ता है, इसलिए वह शिकायत करके मुसीबत मोल नहीं लेना चाहते। शुक्रवार को यहां एक पेशेंट कमलजीत सिंह आया। उन्होंने बताया कि वह वीरवार को भी यहां दवाई लेने आए थे। दोनों ही दिन उनसे 10-10 रुपये लिए गए। वीरवार को रेट लिस्ट न होने के कारण उन्हें पार्किंग फीस नहीं पता थी। लेकिन शुक्रवार को जब उन्होंने पांच रुपये लिखा देखा तो उन्होंने दोनों दिन के 5-5 रुपये वापस लिए। आवाज उठाने के बाद पार्किंग के कर्मचारियों ने उन्हें पैसे वापस कर भी दिए।
यह है पार्किंग फीस की रेट लिस्ट
इस पार्किंग फीस की रेट लिस्ट में 3-4 व्हीलर के 8 घंटे के 10 और 24 घंटे के 25 रुपये लिखे हैं। दो पहिया वाहन के 5 रुपये और साइकिल के 2 रुपये हैं। नो पार्किंग में लगाने पर दो पहिया वाहन के 50 और चार पहिया वाहन के 100 रुपये हैं। लेकिन अधिकतर मरीज दो पहिया वाहन पर ही आते हैं। उन्हें घर जाने की जल्दी होती है, इसलिए वह रेट लिस्ट बिना देखे ही 10 रुपये देकर निकल जाते हैं। इसी बात का कर्मचारी फायदा उठा रहे हैं।
शहर की पार्किंगों में दोपहिया वाहन के 7 और पीजीआई में 10 रुपये
पूरे शहर की में सभी पार्किंगों में में दोपहिया वाहन की पार्किंग फीस 7 रुपये और कार की 14 रुपये है। लेकिन पीजीआई में लोग परेशानी में आते हैं, यहीं पर उनके साथ लूट की जा रही है, जिसमें दो पहिया के लिए 10 रुपये वसूले जा रहे थे। पहले यहां रेट स्पष्ट रूप से प्रदर्शित नहीं किए गए थे।