बुडैल जेल में जीवन धारा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू, कैदियों को मिलेगा ITI करने का मौका

बुडैल जेल देश की उन जेलों में शामिल है जहां सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे कैदी हैं। पिछले पांच साल में करीब 300 कैदी इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से पढ़ाई कर चुके हैं।बुडैल जेल के कैदी अब जेल में रहकर ही दो साल की आईटीआई कर सकेंगे। यह पहल आईजी जेल पुष्पेंद्र कुमार की ओर से की गई है। कैदियों के पुनर्वास और भविष्य को बेहतर बनाने के लिए जेल परिसर में ही जीवन धारा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोला गया है। इस संस्थान के प्रिंसिपल जेल डीएसपी प्रमोद खत्री होंगे।
फिलहाल कारपेंट्री और सिलाई कोर्स से शुरुआत की गई है। महिलाएं सिलाई कोर्स कर सकेंगी जबकि पुरुष कैदी दोनों कोर्स कर पाएंगे। जेल में क्लासरूम तैयार किए गए हैं जहां रोजाना आईटीआई की कक्षाएं लगेंगी। दो साल का कोर्स पूरा करने पर संस्थान की ओर से मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र दिए जाएंगे, जिससे रिहाई के बाद कैदी नौकरी कर सकें।
बुडैल जेल के पढ़े-लिखे कैदी
बुडैल जेल देश की उन जेलों में शामिल है जहां सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे कैदी हैं। पिछले पांच साल में करीब 300 कैदी इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से पढ़ाई कर चुके हैं। इनमें बीए (जनरल), बीए (मल्टीडिसिप्लिनरी), एम.कॉम, एम.एड जैसी डिग्रियां ली गई हैं। कई कैदियों ने 6 महीने के फूड एंड न्यूट्रीशन, बीडीपी, सीएचआर, सीबीएस जैसे कोर्स भी किए हैं।
इग्नू से पढ़ाई की सुविधा साल 2006 से जेल में उपलब्ध है। हर साल करीब 60 कैदी पढ़ाई करते हैं, जिनमें से 30 के आसपास ग्रेजुएशन और मास्टर्स करते हैं। पढ़ाई की पूरी सुविधा मुफ्त दी जाती है। जेल अधिकारी ने बताया कि कैदी कि अगर जमानत हो जाती है तो वह परीक्षा के समय जेल में आकर परीक्षा दे सकता है।
कैदियों के लिए जेल में इंस्टीट्यूट खोला गया है। जिससे कैदी जेल में रहकर आईटीआई कर सकें। हमारी कोशिश है कि कैदियों को शिक्षा और हुनर देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।