चंडीगढ़ लोक अदालत में सुलझे 258 मामले, 5.60 लाख की हुई रिकवरी

 चंडीगढ़ लोक अदालत में सुलझे 258 मामले, 5.60 लाख की हुई रिकवरी

यातायात नियमों की उल्लंघना करने वाले ट्राइसिटी के जिन लोगों के पिछले दो वर्षों से चालान अदालतों में लंबित पड़े थे, उनके निपटान के लिए मंगलवार से चंड़ीगढ़ जिला अदालत में 12 दिन तक लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत के पहले दिन चंड़ीगढ़ की अदालतों में कुल 480 मामले लिस्ट हुए थे। इनमें से 258 लोग इन लोक अदालतों में अपीयर हुए और 222 लोग अनुपस्थित रहे। आज सुलझे मामलों में यातायात से संबंधित चालान में 5 लाख 59 हजार 200 रुपये की रिकवरी हुई। लोक अदालत के पहले दिन 216 चालानों की सूची लिस्ट हुई। जिनमें से मात्र 41 लोग ही चालान का भुगतान करने के लिए आए। जिनसे 39 हजार 200 रुपये की राशि वसूल की गई। जबकि 175 लोग अनुपस्थित रहे। हैवी चालान में 70 चालान की सूची लिस्ट की गई, जिसमें से 60 लोग चालान का भुगतान करने के लिए आए, जबकि 10 लोग अनुपस्थित रहे। इन हैवी चालान से करीब 4 लाख रुपये की रिकवरी हुई। 194 सामान्य चालान में से 157 लोग चालान भरने के लिए आए। जिनसे 1 लाख 20 हजार रुपये की रिकवरी हुई। 37 लोग चालान भरने के लिए अनुपस्थित रहे। रेड लाइट तोड़ने वालों की संख्या अधिक
लोक अदालत में चालान भरने वालों में सर्वाधिक रेड लाइट सिग्नल तोड़ने वालों की संख्या थी। उसके बाद साइकिल ट्रैक पर वाहन चलाने वालों की संख्या भी कम नहीं थी और जेबरा क्राॅसिंग करने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं थी।
ये रहा लोक अदालत का फायदा
लोक अदालत में कोर्ट ने लोगों को कानून व ट्रैफिक नियमों की पालना के लिए जहां जुर्माना लगाया, वहीं लोक अदालत की वजह से कोर्ट ने यातायात नियमों की उल्लंघना करने वालों के लाइसेंस रद्द न कर यह संदेश दिया कि उन पर जुर्माना इसलिए लगाया है कि वे भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न करें। इसलिए उनके लाइसेंस रद्द नहीं किए।