पंजाब में हीट वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

पंजाब में हीट वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

चंडीगढ़। भारतीय मौसम विभाग द्वारा पंजाब के लिए जारी की गई गंभीर गर्मी की चेतावनी को ध्यान में रखते पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
पंजाब भवन में वीरवार को मीडिया से बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पब्लिक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि सभी नागरिकों को अत्यधिक गर्मी से अपने-आप को बचाने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्होंने बार-बार पानी पीने और बाहर निकलते समय पानी साथ रखने की महत्ता के बारे में बताया। नवजात बच्चों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, मोटापे या मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और दिल की बीमारियों या पुरानी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों सहित संवेदनशील समूहों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

उन्होंने बताया कि सीधी धूप में काम करने वाले मजदूर, निर्माण कर्मी और गलियों में फेरी वाले व्यक्तियों को खास तौर पर गर्मी से खतरा होता है और उन्हें छायादार क्षेत्रों में आराम करना चाहिए और गर्मी के चरम समय में नियमित रूप से पानी पीना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य वासियों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहरी गतिविधियों से बचने, हल्के, ढीले सूती कपड़े पहनने और बाहर निकलते समय टोपियों, पगड़ियों या दुपट्टे से अपने सिर ढकने की सलाह दी। उन्होंने हाइड्रेट रहने के लिए मौसमी फलों के सेवन और घरेलू पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, लस्सी और नारियल पानी आदि के लिए प्रोत्साहित किया और शराब, कैफीन युक्त पेय पदार्थों, तले या बासी भोजन से परहेज करने के लिए कहा। यदि किसी को गर्मी से संबंधित लक्षण जैसे कि शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना न आना, सूखी लाल त्वचा, चक्कर आना, उल्टी, भ्रम या बेहोशी के लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें 104 हेल्पलाइन पर कॉल करके तुरंत डॉक्टरी सहायता लेनी चाहिए।

कोरोना के मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री ने दी हिदायत
पिछले कुछ हफ्ते में कोविड-19 के मामलों में मामूली वृद्धि के बारे में बात करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने जनता से अपील करते हुए उन्हें न घबराने और वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और बुजुर्गों, कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और किसी बीमारी से पीड़ित मरीजों को मास्क पहनने चाहिए क्योंकि उन्हें संक्रमण लगने की अधिक संभावना होती है।