चंडीगढ़ से बैजनाथ-सरकाघाट के लिए नहीं चलीं बसें: छह महीने पहले प्रशासक ने दिखाई थी हरी झंडी, ये है कारण

सीटीयू ने हिमाचल रोडवेज से कई बार बस चलाने की मंजूरी मांगी, लेकिन हिमाचल ने अब तक मंजूरी नहीं दी है, जिस वजह से रूट बंद हैं। इस मुद्दे पर पिछले कई महीनों से सीटीयू की ओर से लेटर भेजे जा रहे हैं।छह महीने पहले चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने सीटीयू की 60 लॉन्ग रूट की बसों को हरी झंडी दिखाई थी। उस समय सीटीयू ने दावा किया था कि वो बैजनाथ, सरकाघाट और जोगिंदर नगर के लिए बस चलाएंगे, लेकिन आजतक ये बसें नहीं चल पाई हैं। कारण है कि हिमाचल ने सीटीयू की इन बसों को काउंटर टाइम ही नहीं दिया।सीटीयू ने जनवरी में अन्य रूटों के साथ हिमाचल के चार रूटों पर बस चलाने का फैसला किया था, जिसमें चंडीगढ़ से बैजनाथ वाया फोर लेन, सरकाघाट वाया फोर लेन, जोगिंदर नगर वाया फोर लेन और शिमला वाया सोलन के रूट शामिल थे। इनमें से वर्तमान में सिर्फ शिमला रूट पर ही बस चल रही है।
सीटीयू ने हिमाचल रोडवेज से कई बार बस चलाने की मंजूरी मांगी, लेकिन हिमाचल ने अब तक मंजूरी नहीं दी है, जिस वजह से रूट बंद हैं। इस मुद्दे पर पिछले कई महीनों से सीटीयू की ओर से लेटर भेजे जा रहे हैं। कुछ महीने पहले सीटीयू के उच्च अधिकारी और हिमाचल रोडवेज के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी, जिसमें हिमाचल ने मंजूरी देने की बात कही थी लेकिन मीटिंग के बाद वो अपने वादे से मुकर गए।
बता दें कि अगस्त 2023 में सीटीयू की चंबा की बस को हिमाचल में रोकने और प्राइवेट बस वालों की ओर से ऊना में सीटीयू के चालक और परिचालक के साथ हुई मारपीट के बाद सीटीयू और हिमाचल में तन गई थी। 31 अगस्त 2023 को एसटीए ने हिमाचल प्रदेश की पांच बसें जब्त कर लीं। परमिट और काउंटर साइन न दिखाने पर आईएसबीटी-43 पर चालान की कार्रवाई की गई थी।
दिन में सिर्फ सीटीयू की बस जाती थी चंबा, दो साल से बंद
हिमाचल के कई रूटों पर सीटीयू और हिमाचल रोडवेज में विवाद चल रहा है। सबसे बड़ा विवाद चंबा रूट को लेकर है, जो दो साल से बंद है। क्योंकि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में वहां की एक प्राइवेट बस कंपनी ने केस दायर करके बस को रोकने की मांग की थी। कोर्ट ने रोक लगाई है और मामले में दो साल से सुनवाई चल रही है। सीटीयू की तरफ से अदालत में भी यह कहा जा चुका है कि इस रूट पर बहुत सारे लोग सफर करते हैं। इसके अलावा विभाग के पास बहुत सारे लोगों के ईमेल और फोन भी आ रहे हैं, जिसमें चंबा रूट पर बस को शुरू करने की मांग की जा रही है। बता दें कि चंडीगढ़ से यह एकमात्र बस थी, जो दिन के समय में चंबा जाती थी। अन्य सभी रोडवेज की बसें रात में जाती हैं।
50 से ज्यादा बसें अवैध तरीके से चला रहा हिमाचल
हिमाचल रोडवेज और सीटीयू के बीच वर्ष 1992 में एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार सीटीयू की 30 बसें हिमाचल में चलाई जानी थीं और हिमाचल रोडवेज की 102 बसें चंडीगढ़ में चलनी थीं। वर्तमान में सीटीयू की 67 बसें हिमाचल के अलग-अलग जिलों में जाती हैं, जबकि हिमाचल की 350 से ज्यादा बसें चंडीगढ़ में चल रही हैं। हालांकि, हिमाचल रोडवेज की 50 से ज्यादा बसें चंडीगढ़ के आईएसबीटी से अवैध तरीके से चल रही हैं। इन्हें रोकने के लिए सीटीयू ने कुछ महीने पहले स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को पत्र भी लिखा था। वहीं, एग्रीमेंट को लेकर सीटीयू के अधिकारियों की तरफ से कई बार हिमाचल सरकार के साथ पत्राचार किया जा चुका है लेकिन अब तक हिमाचल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जल्द शुरू होंगी सभी बसें
परिवहन विभाग के निदेशक प्रद्युमन सिंह ने बताया कि बसों की एनओसी सीटीयू को मिल गई है। हिमाचल प्रदेश के आरटीओ विभाग से समय सारणी लेने के लिए शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, धर्मशाला और मंडी से विभाग द्वारा पत्राचार लगातार किया जा रहा है। शिमला की बस चल रही है। चंडीगढ़ से जोगिंदर नगर और सरकाघाट रुटों की समय सारणी आरटीओ बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी द्वारा दे दी गई है लेकिन 1-2 जगहों के लिए अभी संबंधित आरटीओ ऑफिस की ओर से प्राइवेट बस ऑपरेटरों के साथ जॉइंट मीटिंग रखी जानी है ताकि बस चलाने के बाद किसी प्रकार की बाधा न हो। बैजनाथ रूट पर बिलासपुर आरटीओ द्वारा जाते समय समय सारणी दे दी गई है लेकिन अभी तक आरटीओ हमीरपुर और धर्मशाला द्वारा समय सारणी की मीटिंग नहीं रखी गई है, जो जल्द रखी जाएगी।